कुसुम किसलय खिलते हैं कुंञ्ज उपवन वाग में कोकिल मधुर कूकते हैं आम्र मंजर वाग में आग लगते हैं पलाश के फाग के ही मास में हवा मादकता लिए झूमते…
सजल – सुधीर कुमार
सजल मात्रा – 14 समांत – नहीं पदांत — आरी 222 222 2 शिव की शोभा है न्यारी । छवि लगती कितनी प्यारी ।। मस्तक पर चंदा चमके । शीतल…
चुनाव का असर – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मेरे दिलवाले सैयां पड़ती हूं तेरी पैंया, ला दो चांदी की पायल, पहनूंगी पांव में। दिला दो रेशम साड़ी, चार चक्का होंडा गाड़ी, खेलने को रंग बैठ, जाऊंगी मैं गांव…
कोरोना भाई – नीतू रानी
विषय -मेरी माँ शीर्षक -सबसे अच्छा कोरोना भाई कोरोना भाई मेरे लिए अच्छा रहा ईस्वी १९, से २३ का करोना जो मेरी माँ को कहा अभी माँजी आपको नहीं है…
होली अंक – एस.के.पूनम
मचाया है हुडदंग, मर्यादा को किया भंग, भूल गया शालीनता,वाह भाई होली है। मदिरा पी झूम रहा, फटेहाल घूम रहा, नैयनो में नींद नहीं,खा ली भांग गोली है। छुप गई…
सांवला सांवरिया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
होली दिन राधा रानी भरने को गई पानी, सहेली के संग ले के, सिर पे गगरिया। मोहन हो मतवाला अबीर गुलाल डाला, अंग-रंग भींगी मेरी, चोली व चुनरिया। धो के…
होलिका जलाएं – मीरा सिंह “मीरा “
चलो आज होलिका जलाएं होली का त्योहार मनाएं नहीं दिखे अब कहीं बुराई मन से मन को आज मिलाएं।। घर घर में खुशहाली आए चलो आज होलिका —- रौशन रौशन…
माँ बिन कौन सुनेगी हमारी –
माँ माँ बिन कौन सुनेंगी हमारी माँ बिन———–२। कतहूंँ से आबि तो माँ लग बैठके सुख- दुख मांँ को सुनाती, दुख में दुखी सुख में खुश होके माँ थी मुझे…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
होली कहती है सदा, रखिए नेह मिठास। यही पर्व का सार है, यही सुखद-आभास।। भेद-भाव को भूलकर, खेलें होली आज। समता के संदेश से, रखिए सुखी समाज।। द्वेष दंभ की…
होली -दीपा वर्मा
आया होली का त्योहार, फिर एक बार लाया रंगो की बौछार। नहीं अपने परायो की दरकार, आज है बस हमे रंगो से सरोकार। नाचेंगे-गाएंगे धूम मचाएंगे,पूए पकवान खाएंगे, खूब गुलाल…