कांधे पर चढ़कर, तन से लिपट कर, आसपास बच्चे बैठे, दादाजी पर ध्यान है। सिर्फ श्वेत बाल नहीं, झुर्रियों से गाल नहीं, पोते-पोतियो से होती, दादा की पहचान है। अपनी…
सुहानी सुबह- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
सुहानी सुबह बागों में बहार आई, खिल गई अमराई, हरे-हरे नए पत्ते, डालियों में हिलते। भोर लिया अंगड़ाई, सुहानी सुबह आई, भाँति-भाँति पुष्प दल, चमन में खिलते। दलहन तेलहन, फसलें…
पंच चामर – सुधीर कुमार
पंच चामर मात्रा – 24 वर्ण — 16 यति – 12,12 अंत – दीर्घ मात्रा 121 212 121 212 121 2 सदैव साहसी बनो , यहाँ पहाड़ सा अड़ो ।…
कोरोना काल की व्यथा- नीतू रानी
कोरोना काल की व्यथा साधारण वर्ग की व्यथा परेशानी और महंगाई पर आधारित स्वरचित गीत। शीर्षक- कोरोना काल की व्यथा जहिया सेअ एलअ सुख चैन छीनलेए रे कोरोनमा जहिया से…
मनहरण घनाक्षरी- एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विद्या:-मनहरण घनाक्षरी काव्य पथ पर चला, अक्षरों को जोड़-जोड़, प्रेम गीत लिख दिया,शब्दों को सजाइके। विचारों में डूब कर, तूलिका पकड़ कर, थमा नहीं,रुका नहीं,भावों को जगाइके। दिवा…
तमाल छंद -सुधीर कुमार
तमाल छंद मात्रा — 19 अंत – गुरु लघु संकट में है साथ निभाते मित्र । होते है ये अच्छाई के चित्र ।। मित्र हमारे हरदम रखते ध्यान । दुख…
बदल रहा है आज जमाना- मीरा सिंह “मीरा”
नया दौर है नया तराना बदल रहा है आज जमाना।। गुजर गया वो दौर पुराना बेटी बोझ कहीं जाती थी। इल्जामों के बोझ तले वह घर में भी सहमी रहती…
बचपन की नादानी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
कुछ शरारतें और नादानी याद जाती अपनी शैतानी, कभी सोचकर शर्म के मारे आ जाता आंखों में पानी। धमाचौकड़ी खूब थे करते गिरने पर आहें थे भरते, भैया,पापा,चाचा के अलावे…
सफलता कीमत मांगे- डॉ स्वराक्षी स्वरा
सुनो ! सफलता कीमत मांगे बात बात पर मत रोना ।। मुरझाए जो पुष्प तो देखो डाली से गिर जाता है सूखा पत्ता झर जाए तो कोई नहीं उठाता है…
हमें किताब चाहिए- स्मिता ठाकुर
सुन लो सर जी,सुन लो मैडम ना खाना चाहिए ना पोशाक चाहिए… बस समय से हमको किताब चाहिए।। अप्रैल से शुरू होती है पढ़ाई…बिना किताब करूँ क्या खुद से लड़ाई??…