नवांकुर पौधा- सुरेश कुमार गौरव

नवांकुर पौधा इसके उपर रंग-बिरंगे सुंदर फूल खिले, बैठे खगों के सुंदर मीठे स्वर वातावरण में मिश्री घोले। कोंपल से किसलय फिर तरुण अवस्था में मानो बोले, कुदरत का मानते…

अन्नदाता -सुरेश कुमार गौरव

भारतीय किसान जाड़ा,गर्मी,बरसात सभी मौसमों की मार झेलते हुए ,फसलों के नुक़सान का भी दर्द झेलते हुए सदा अन्नदाता के रुप में तत्पर रहते हैं इन पर केन्द्रित हमारी ये…

हवा में वासंतिक महक- सुरेश कुमार गौरव

खिल उठते चहुंओर फूल, सुंदर महक पलाश के प्रकृति ने फगुई फाल्गुन को,खूब लाया तलाश के। प्रेम यौवन का मधुमास, यह फाल्गुन ही बतलाती हवा में वासंतिक महक से, सरसों…

हमारा मुल्क- जयकृष्णा पासवान

सोना था सोनाली कितनी, मुल्क हमारा परम निशान। देश में आकर बिखर गया, अंग्रेजी शासन का ऐलान।। सब भेदों से जाल गिराकर, फसा दिया भोला इंसान। सताने लगी अंग्रेजी बोली,…

सरस्वती वन्दना- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

दे विमल बुद्धि भावना, माँ शारदे है प्रार्थना , ऐसी शक्ति दे मां कर सकूं, हर संकटों का सामना। बालक बड़ा नादान हूं, धर्म-कर्म से अनजान हूं, जैसा भी हूं…

चलो गणतंत्र मनाते हैं- रूचिका

चलो एक बार फिर जश्न मनाते हैं, आज़ादी का मंत्र और नियमों का है तंत्र गणतंत्र मनाते हैं। राजनीति पर देखो जातीयता हावी है, भाई भतीजावाद और क्षेत्रीयता प्रभावी है,…

भारत गान – सुरेश कुमार गौरव

सबसे प्यारा और न्यारा अपना जग में हिंदुस्तान! “सत्यमेव जयते” से है, इसकी जग में पहचान!! “सर्वधर्म समभाव” का है, संदेश उचित प्रतीक! “अहिंसा परमोधर्म” है, ये बोल सर्वथा सटीक!!…