रक्षा के धागे-भवानंद सिंह

Bhawanand

रक्षा के धागे

सावन का महीना आया है
मन में अनंत खुशियाँ भर लाया है,
भाई-बहन का निश्छल प्रेम
रक्षा बंधन का त्योहार लाया है ।

सावन में पूर्णिमा के दिन
यह त्योहार मनाते हैं,
भाई की कलाई पर बहना
रक्षा के धागे बाँधती है ।

भाई की लम्बी उम्र का
ईश्वर से प्रार्थना करती है,
बदले में भाई बहना की
रक्षा का वचन निभाते हैं ।

यह धागा है बहुत अनमोल
चुका न सका कोई इसका मोल,
भाई की कलाई पर बँधने से
बढ़ जाता है इसका मोल ।

महारानी कर्णावती ने
हूँमायू को भेजी थी राखी,
बदले में हूँमायू ने
चित्तौड़ की, की थी रखवाली ।

अटूट प्रेम का है यह प्रतीक
भाई-बहन इसे निभाते हैं,
सावन के महीने में दोनों
खुशियाँ खूब मनाते हैं ।

भवानंद सिंह
उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मधुलता रानीगंज, अररिया

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