रुख हवाओं का बदल दूं..

Ram Kishore Pathak

गजल
२१२२-२१२२


नैन तेरे कर सजल दूँ।
आज लिखकर मैं गजल दूँ।।

कौन तेरा है बता दो।
आज रिश्तें कर अटल दूँ।।

यूँ न फेरों नैन हमसे।
लग रहा खुद को गरल दूँ।।

चाहता हूँ आज भी मैं।
तुम कहो तो फिर पहल दूँ।।

मंद दिल का आग हो तो।
मैं तुम्हें फिर से अनल दूँ।।

प्रेम फिर से कर सको तो।
जख्म को यूँ ही मचल दूँ।।

राह कोई रोक ले तो।
चींटियों सा मैं मसल दूँ।।

हौंसला विश्वास का रख।
रुख हवाओं का बदल दूँ।।

शूल सारे आज पथ का।
दूर रखकर भर कमल दूँ।।

क्या रखा है कोठियों में।
आपको दिल का महल दूँ।।

अंग से जो तुम लगा लो।
रूप तेरा कर नवल दूँ।।


रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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