रुमाल-लवली वर्मा

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रुमाल

एक चीज़ बड़ी कमाल,
नाम इसका है रुमाल।
कपड़े का टुकड़ा चौकोर,
जेब-पर्स में रखते लोग।

उद्देश्य एक व्यक्तिगत सफाई,
हाथ, चेहरे या नाक की पोंछाई।
आता जब है हमें पसीना,
बन जाता है एक आईना।

कपड़ों का है जरूरी हिस्सा,
धूलकणों से करता सुरक्षा।
जब दवाई हमें न मिलती,
बन जाता है चोट पर पट्टी।

थैला-टोकरी न हो उपलब्ध,
रुमाल का करते हम उपयोग।
शादी उत्सव में काम आता,
कड़ी धूप से भी है बचाता।

चीज़ नहीं यह बिल्कुल महँगी,
पर है एक आवश्यक सामग्री।
रुमाल बने हम सबकी आदत,
हमारे लिए यह बड़ी सहायक।

रुमाल बस रुमाल नहीं,
महत्ता इसकी बहुत बड़ी।
सभी वस्त्रों में है विशेष,
हो चाहे कोई भी देश।।

लवली वर्मा
प्रा.वि. छोटकी रटनी,हसनगंज
कटिहार

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