प्रज्ञा की ज्योति जलाए जो, अंधकार को दूर भगाए जो। ज्ञान का दीपक बनकर चमके, हर मन में उम्मीद जगाए जो। चलो प्रज्ञाणिका बन जाएँ, सत्य-पथ पर कदम बढ़ाएँ। अज्ञान…
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स्वरचित कविता का प्रकाशन
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