है कलयुग ,पाप चारो ओर छा रहा रावण ,कंस, दुःशासन पग पग डोरे डाल रहा धरती की रूह ,है काँप रही कैसे बची रहेगी धरती , धरती माँ भाँप रही…
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माँ तू मेरा संसार-अवनीश कुमार ‘अवि’
माँ तू मेरा संसार माँ तुम केवल एक शब्द नहीं सृष्टि कीअनगढ़ंत परिभाषा हो। माँ तुम केवल हृदय का मर्म नही हृदय की विशाल अभिलाषा हो। माँ तुम केवल सौभाग्य…