सत्प्रवृत्ति के सोपान – अमरनाथ त्रिवेदी

कर्त्तव्य हमारे  ऐसे  हों नित , जहाँ मन की मलिनता न छाए। सदुपयोग, अधिकार का ऐसे करें , जहाँ अहंकार तनिक भी न आए। परहित धर्म कभी न छोड़ें ,…