तक्षशिला, नालंदा जैसी, अविरल ज्ञान की धारा है। जन्मभूमि यह भारत-भू है, यह सौभाग्य हमारा है।। ज्ञान, कर्म के दीप यहाँ पर, सदा उजाला करते हैं, गुरु-शिष्य की परंपरा में,…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी
- माटी का दीया – सुरेश कुमार गौरव
- शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी
- स्वच्छता हमारा मूलमंत्र – अमरनाथ त्रिवेदी
- देव दिवाली मनाएँ आज- रामकिशोर पाठक
- बच्चों जीवन को सादगी से अपनाना- रुचिका
- भारत के चमकते नूर- अमरनाथ त्रिवेदी
- चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक
- आओ गीत खुशी के गाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
- लें सबक प्रदूषण से- अमरनाथ त्रिवेदी