कुछ कर गुजरने की हसरत अभी बाकी है-विवेक कुमार

कुछ कर गुजरने की हसरत अभी बाकी है ऊपर वाले ने कुछ सोच कर, हमें बनाया होगा, नाक नक्श संग संस्कारों का, साज सजाया होगा, मिट्टी के पुतलो में रंगों…