विनाश की आंधी दूसरा हिटलर के सामने दुनिया नतमस्तक है, आज तीसरा विश्व युद्ध दे रहा दस्तक है। कलम मौन है केवल आज तोप गुर्राता है, रह रह कर एक…
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तिल सकरात-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
तिल सकरात बचपन से हम सुनs हलूं महिमा तिल सकरात के, घर के जमाबल रहे शुद्ध दूध-दहिया, चप-चप हाथ करे लपटल मख्खन, महीया । दुश्मन के भी दोस्त बना दे…
हिन्दी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
हिन्दी हिन्दी भारत की है मातृभाषा, फूले-फले यह है अभिलाषा। जन गण मन की शान हिन्दी, भारत की पहचान है हिन्दी। युगों युगों से जुंवा पर सबकी, बनीं हुई जन…
बासी रोटी-भात-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बासी रोटी-भात आबs भैया महिमा सुनs बचपन के सौगात के, सुनके गाथा याद आब हे बासी रोटी-भात के। बासी भात संग नून पानी, रोज दिन के हल ईहे कहानी। माय…
नव वर्ष स्वागत है-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
नव वर्ष स्वागत है कलियों की मुस्कान से, पक्षियों की हर्ष गान से, नववर्ष का स्वागत है। सूरज की परछाई है, किरणें भी अलसाई है। शरद् ऋतु की मुस्कान से,…
स्वच्छता अपनाएं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
स्वच्छता अपनाएं आओ हम स्वच्छता को अपनाएं, अपने जीवन को सफल बनाएं। साफ-सफाई को अपनाकर, अब सभी रोगों को दूर भगाएं।। यदि सभी को स्वच्छ मिलेगा पानी, सुखी होगी हमारी…
किसान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
किसान खेती, बेटी एक समान होती है कृषक की जान, चर,अचर जीवों का पालक अन्नदाता है किसान। धूप-छांव हो या कि वर्षा कभी नहीं करता विश्राम, दिन-रात वह करता काम,…
चीरहरण-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
चीरहरण द्रोपदी सभा में चीख रही लाज बचाए कौन? सभासद स्तब्ध सभी हैं नजर झुकाए मौन।। भीम, अर्जुन, धर्मराज बैठे हैं चुपचाप। वीरों की इस सभा को सूंघ गया है…
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देश का मान बढ़ाया तूने अनेकों सैनिक से। तिरंगे ने सिर छुपा लिया है तेरे अंतिम बलिदान से।। तेरे रन कौशल से डरकर दुश्मन शीश झुकाता था, तेरी…
सूरज दादा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
सूरज दादा आसमान में सूरज दादा, दूर हैं हमसे बहुत ज्यादा। रात में करते कहां बसेरा, सुबह में लाते साथ सवेरा। अंधेरे को हैं दूर भगाते, घर पर आकर हमें…