दीपोत्सव-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

दीपोत्सव आओ हम सब त्योहार मनाएं, मिल-जुलकर इस दिवाली में। गिले-शिकवे सब दूर करें हम, ताकि दिन बीते खुशहाली में।। चाहे कोई मजदूर किसान। राजा-रंक हो या बलवान। संतान सभी…

बैलगाड़ी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

बैलगाड़ी कच्ची सड़क की सबसे प्यारी, बैलगाड़ी है सबसे सुंदर सवारी। उबड़-खाबड़ रास्तों पर भी, शान से चलती बनाकर धारी।। आवागमन का था एकमात्र सहारा, राजा हो या कोई रंक…

पानी से जिंदगानी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

पानी से जिंदगानी वर्षा से जीवन मिलता है, खेतों को हरियाली, हरे भरे पेड़ों की प्रकृति करती रखवाली। पानी की बुंदे है बहुत किमती, यही सच्चा सोना, इसी से आबाद…

धरती को स्वर्ग बनाएं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

धरती को स्वर्ग बनाएं आओ बच्चों मिल जुल कर हम स्वच्छता अपनाएं, पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त कर धरती को स्वर्ग बनाएं। नदियों में नाले बहाने से जल प्रदुषित होता है,…

शिक्षक-जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”

शिक्षक शिक्षक शिक्षा दान करें, निज शिष्यों का अज्ञान हरें । जाति-धर्म से परे रहकर, मानवता का कल्याण करें। हम दुनियाँ के लोगों में शिक्षा का अलख जगाते हैं, अशिक्षित,…

आलू की शादी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आलू की शादी आलू राजा लेकर चले बारात, साथ सभी सब्जी की जमात। गोल मटोल हैं दुल्हा राजा, संग में गाड़ी और बैंड बाजा। भिंडी, करेला, कोहड़ा नाचे, बैंगन पंडित…