चहुंँओर खुशी छाई,बज रही शहनाई, परिजन नाच रहे, खुशी का है अवसर। विवाह के बाद जब, विदाई की आई घड़ी, सखियों के आँसू गिरे,अंँखियों से झर-झर। पूछ रही रोती-रोती, बेटी…
Tag: जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
खुदा मेहरबान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विद्या;- मनहरण घनाक्षरी छंद ऊँचे ओहदेदारों की, हो जाता गुनाह माफ, गरीबों की गुस्ताखी पर, मच जाता शोर है। पद के रसूखदार, तोड़ते कानून रोज, बलवानोंअमीरों पे, चलता न जोर…
बड़ों की सीख – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बिना टिकट के चिंटू भाई जो बैठोगे रेल में। पकड़े जाने पर दंड लगेगी पहुँच जाओगे जेल में।। बिना पटरी के पंक्तिबद्ध हो केवल चलती हैं चीटियाँ, काले कोट वाले…
मतदान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विषय:- मतदान जलहरण घनाक्षरी छंद चुनावी त्यौहार आया, वादों की बहार लाया, लगाते हैं नारे सभी, नए-नए गढ़कर। भीड़ होती रैलियों में, शोर होता गलियों में, झुंड में प्रचार करें,…
बचपन की शरारतें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जब कोई फल भाता, दूर से नज़र आता, छिप कर बागानों से, टिकोले को तोड़ता। गाँव की हीं महिलाएँ, कुएँ पर पानी भरें, पीछे से कंकड़ मार, मटके को फोड़ता।…
बच्चों का पालन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
छंद:- जलहरण घनाक्षरी उचित माहौल बीच, बच्चों का पालन करें, उसका असर आगे, होता परिवार पर। मित्र-सहपाठी संग, कहां होता आना-जाना, हमेशा नजर रखें, संगत-संस्कार पर। खान-पान शिक्षा-ज्ञान, इसका भी…
हनुमान जी का पराक्रम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
🌹प्रभाती पुष्प🌹 हनुमान जी का पराक्रम छंद:- जलहरण घनाक्षरी राम जी का कहा मान, बचाया लखन प्राण, तुरत ही धौला गिरी, उठा लिया करतल। लंकापति रावण ने, अवरूद्ध किया रास्ता,…
मनहरण घनाक्षरी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
छंद:- मनहरण घनाक्षरी नदी बीच बिना चीर कभी ना नहाना नीर, सबक सिखाते हमें, सांवला सांवरिया। प्यार को जगाने हेतु राधा को रिझाने हेतु, छिपके कंकड़ मार, फोड़ते गगरिया। सभा…
मतदान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
हर पाँच सालों पर चुनावी त्यौहार आता, बनाने को सरकार, करें हम मतदान। परिजन मिल कर घर से निकल कर, मतदान केंद्र जाएँ, लेके कोई पहचान। जागरूक मतदाता, देश का…
कट जाता बंधन- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जलहरण घनाक्षरी छंद एक साथ चारों भाई पालने में झूल रहे, देख मनोहारी छवि, पाया दुनिया का धन। ऐसे रघुवर पर दिल बलिहारी जाए, राजीव नयन पर, है तन-मन अर्पण।…