लेखक, शिक्षक, सेना, कर्मचारी राजनेता, चिकित्सक,वैज्ञानिक सभी कर्णधार हैं। राष्ट्र निर्माण खातिर जो भी करें योगदान, काश्तकार मजदूर, बड़े शिल्पकार हैं। तन -मन- जतन से परिश्रम खूब करें, छोटा-बड़ा नहीं…
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कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…
G -20 सम्मेलन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
“बीस देश” समूह का सफल आयोजन से, दुनिया ने दम देखा आधुनिक भारत का। दुनिया के नेताओं ने- चखा मेहमानबाजी, भारत मंडपम में, नवीन इमारत का। आज हमारे देश का…
कृष्ण कन्हैया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
भक्तों की पुकार सुन धरा-धाम पर आए, देवकी के पुत्र बन मेरे कृष्ण कन्हैया। दधी भी खिलाती रोज, लोरियाँ सुनती कभी, पालना झूलती तुझे, नित्य यशोदा मैया। यमुना के तट…
कलयुगी लाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बुढ़ापे की सहारा हेतु बहुत ही जतन से, संतान को बड़ा करें, लोग यहाँ पोस-पाल। जब रोजगार मिले, जीवन में कली खिले, बाहर जा बस जाता, अलग गलाता दाल। माता-पिता…
जग के पालनहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
जगत कल्याण हेतु- देवकी के घर आए, भाद्रपद अर्ध रात्रि, कृष्ण लिए अवतार। गोपियों के प्रेम वश- माखन चुराते रोज, यशोदा के पुत्र बने जग के पालनहार। लाज को बचाने…
शिक्षक हैं परेशान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
ऊपर के अधिकारी, लेते नहीं जिम्मेवारी, आज यहां रोज होता, शिक्षकों का अपमान। सुधार के नाम पर, विद्यालय जाँच होता, अधिकारी जारी करें,नये-नये फरमान। कमियाँ छिपाने हेतु, जनता को भरमाते,…
गुरु भगवान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मृत भुवन में मैं था कब से भटक रहा, जीवन बदल गया जब पाया गुरु ज्ञान। रोज कुछ छाँटकर, प्यार पुष्प बाँटकर, सब की ख्याल रखते मान अपनी संतान। माता…
गुरु भगवान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मृत भुवन में मैं था कब से भटक रहा, जीवन बदल गया जब पाया गुरु ज्ञान। रोज कुछ छाँटकर, प्यार पुष्प बाँटकर, सब की ख्याल रखते मान अपनी संतान। माता…
चन्द्र यान की सफलता – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विक्रम की लैंडिंग को देखा दिल थाम कर, कठिन जोखिम भरा मिशन था चंद्रयान। बरसों की तपस्या का आज जाके फल मिला, सफलता की खुशी में झूमा सारा हिंदुस्तान। रात…