आपसे ही बंधी,मेरे जीवन की हर डोर आपसे ही पिया सांझ है,आपसे ही भोर। आप ही मेरे,मनमंदिर के अप्रतिम देव, मैं आपकी प्राणेश्वरी,आप मेरे महादेव। आपके कदमों में ही,मेरा सकल…
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स्वरचित कविता का प्रकाशन
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