सदियों से आ रही रिवाज, कार्तिक की पूर्णिमा है आज। सुबह-सुवेरे गंगा में जाकर, कर आते स्नान हैं आज। दिव्य रथ रूप धरी धरा, शशि सूर्य चक्र बने आज।…
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