कलयुग सा संसार- नीतू रानी

ये है कलयुग सा संसार जिसमें है दुखों का भंडार, यहाँ लड़ाई-झगड़े रोज हैं होते होते हैं मारकाट। ये है कलयुग———२। यहाँ लोग मोह- माया में लिपटे और पँच पाप…

पुस्तक मेला – नीतू रानी

रेणु उद्यान में पुस्तक मेला लगा है चलो हम सब करें पुस्तक दान, हर पंचायत में हो एक पुस्तकालय पढ़ेंगे वहाँ बच्चे बूढ़े जवान। राहुल कुमार डीएम साहब के द्वारा…

ऐ इंसान तुम इंसानियत क्यों भूलते हो -नीतू रानी

ऐ इंसान तुम इंसानियत क्यों भूलते हो कभी भी मेरी खोज नही करते तुम न हीं कभी कोई खैरियत पूछते हो। जब टूटा था दुःख का पहाड़ तुम पर तब…

दीपावली – नीतू रानी

चौदह वर्ष बाद जब लौटे श्रीराम प्रजा ने दीपों से सजा दिए अयोध्या नगरी के मकान, खुशियों की दीपावली मनाकर प्रजा ने की श्रीराम जी का स्वागत और हार्दिक सम्मान।…

सुनियौ अरज ओहिना – नीतू रानी

भगवती गीत सुनियौ अरज ओहिना अरज ओहिना अरज ओहिना हे जननी सुनियौ अरज ओहिना, बच्चा केअ माता सुनैये जहिना—2 सुनियौ अरज ओहिना——२। तोरब अरहुल फूल पूजब हम नोर सॅ कतबो…

बापू- नीतू रानी

आज है 02 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए मेरे बापू हम सब मिलकर करते हैं इन्हें नमन। 02 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर…