पुस्तक – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

आओ बच्चों पुस्तक पढ़ लें। नई-नई बातों को गढ़ लें।। पुस्तक तो है ज्ञान-खजाना। करें न कोई और बहाना।। नये-नये कुछ शब्द मिलेंगे। सुंदर मनहर चित्र दिखेंगे।। कभी दिखें रवि-चाँद-सितारे।…