गुरुओं का सम्मान आज दिवस है गुरुओं के सम्मान का , बिहार के अभिमान का | अपनी अथक मेहनत से निरंतर कलम चलाई है , बिहार की गौरव गाथा फिर…
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दीवाली आयी है – रत्ना प्रिया
जगमग ज्योति जली दीपों की, यह धरती मुसकायी है, कण-कण आलोकित करने को, यह दीवाली आयी है | नवयुग के नवसृजन हेतु जब भाव सँजोया जाता है, अंधकार को मार…
हिन्दी राष्ट्र की भाषा है – रत्ना प्रिया
हिन्दी को नित पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है | गर्व है हम भारतीयों को, हिन्दी राष्ट्र की भाषा है || उड़े गगन में दूर तलक, जमीं हमेशा याद रहे,…
मानव नव निर्माण – रत्ना प्रिया
‘ तमसो मा ज्योतिर्गमय ’ के, मंत्र के आह्वान का | आज दिवस है राष्ट्र के, मानव नव-निर्माण का || अनुसंधान तो हुए बहुत , आयुध के निर्माण को ,…
रक्षा-बंधन – रत्ना प्रिया
रेशम की डोरी में गुंफित, भाई-बहन का प्यार | श्रावण लेकर आया पावन, राखी का त्यौहार || नारी माँ, भगिनी, पुत्री है, संस्कृति का श्रृंगार है, शील, क्षमा, ममता करूणा…
अमर निशानी तिरंगा – रत्ना प्रिया
त्याग, शौर्य, तप, बलिदान की, अनुपम अमिट कहानी है | भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है || केसरिया रंग से रँगा है, दामन वीर जवानों का, माँ…
मंजूषा के शिल्पकार – रत्ना प्रिया
मंजूषा के शिल्पकार मंजूषा की कलाकृति को, अंतर्मन में धारा है, अपनी कला, संस्कृति बचाओ, शिल्पकार का नारा है| निर्मला व नारायण के, अद्भुत पुत्र सलोने हैं, मंजूषा के मिथक…
वरदान है यह योग का – रत्ना प्रिया
स्वस्थ शरीर , स्वच्छ मन व आत्मिक संयोग का, मानवी काया दिव्य हो , वरदान है यह योग का । पंचभूत निर्मित काया में, प्रत्येक तत्व सम रहे, योग ,…
वट-सावित्री पर्व – रत्ना प्रिया
संस्कृति है यह भारत की, विवाह के आदर्श का | वट-सावित्री पर्व है, दांपत्य के उत्कर्ष का || अश्वपति की तप साधना, हुई अद्भुत वरदायी है, दैवी सविता का तेज…
माँ का आंचल – रत्ना प्रिया
चाहता हूँ मैं रोज मुझे माँ ,लोरी गा के सुनाए | माँ की लोरी , माँ का आंचल , माँ की बातें भाए || अबोध शिशु की रक्षा को ,…