रक्षा-बंधन – रत्ना प्रिया

रेशम की डोरी में गुंफित, भाई-बहन का प्यार | श्रावण लेकर आया पावन, राखी का त्यौहार || नारी माँ, भगिनी, पुत्री है, संस्कृति का श्रृंगार है, शील, क्षमा, ममता करूणा…

अमर निशानी तिरंगा – रत्ना प्रिया

त्याग, शौर्य, तप, बलिदान की, अनुपम अमिट कहानी है | भारत के वीर सपूतों की, तिरंगा अमर निशानी है || केसरिया रंग से रँगा है, दामन वीर जवानों का, माँ…

मंजूषा के शिल्पकार – रत्ना प्रिया

मंजूषा के शिल्पकार मंजूषा की कलाकृति को, अंतर्मन में धारा है, अपनी कला, संस्कृति बचाओ, शिल्पकार का नारा है| निर्मला व नारायण के, अद्भुत पुत्र सलोने हैं, मंजूषा के मिथक…

वट-सावित्री पर्व – रत्ना प्रिया

संस्कृति है यह भारत की, विवाह के आदर्श का | वट-सावित्री पर्व है, दांपत्य के उत्कर्ष का || अश्वपति की तप साधना, हुई अद्भुत वरदायी है, दैवी सविता का तेज…