सम्मान करो सम्मान करो सम्मान करो बड़ छोटों का सम्मान करो नर नारी हो या बाल सखा पूरे सबके अरमान करो। गर मात पिता जी क्रोधित हो उनकी बातों का…
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पौध लगाएँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
पौध लगाएँ चलो सभी जन पौध लगाएँ वन महोत्सव आया है हरियाली फैलाने हेतु बस एक मौका आया है। बारिश कम हो रही जमी पर जिसका कारण कम पौधे हैं …
अतुल्य रिश्ता-विजय सिंह नीलकण्ठ
अतुल्य रिश्ता माता होती है अतुल्य जिसे जानती दुनिया सारी अतुल्य रिश्ता है इनसे जो कहलाती माता प्यारी। सबसे पहले अनुभव करती फिर शुरू करती रखवाली स्व रक्त से सिंचित…
जोश जज्बा और जुनून-विजय सिंह नीलकण्ठ
जोश जज्बा और जुनून जोश जज्बा और जुनून है जिसको तीनों प्रसून सफल सदा वही होता है कहता कुदरत का कानून। जोश सदा उत्साहित करके नित कर्म को प्रेरित करता…
दोनों है एक समान-विजय सिंह नीलकण्ठ
दोनों है एक समान बेटा बेटी एक समान रखें सभी अब इसका ध्यान अंतर न है इसको जान दोनों पर सबको अभिमान। एक ही मॉं के कोख में पलते एक…
समय का सदुपयोग-विजय सिंह नीलकण्ठ
समय का सदुपयोग समय होत बलवान जो जाने सारा सकल जहान करे समय का सदुपयोग वो बन जाते हैं महान। अशिक्षित या शिक्षित सबको समय का ज्ञान तो होता ही…
दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ
दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का दो ऐसा अचूक वरदान हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…
होली-विजय सिंह नीलकण्ठ
होली रंगों की बौछार लेकर देखो आई है होली साथ अबीर का थाल लेकर देखो आई है होली। साथ में मिलकर निकल चुके हैं देखो बच्चों की टोली हर कर…
मेरा बिहार-विजय सिंह नीलकण्ठ
मेरा बिहार मेरा बिहार प्यारा बिहार न दूजा इस जैसा संसार यहाँ मिले भरपूर प्यार एक बार नहीं हजारों बार। अड़तीस जिले हैं इसकी सान जिससे है इसकी पहचान हम…
नामांकन करवाना है-विजय सिंह नीलकण्ठ
नामांकन करवाना है देखो प्रवेशोत्सव आया है गुरु जी ने बुलाया है जल्दी विद्यालय जाना है नामांकन करवाना है। फोटो व आधार को लेकर ही स्कूल चलो फिर नामांकन हो…