थकान जो उतार दे, मन के अवसाद का मुझे वैसी अवकाश चाहिए। भागम भाग भरे जीवन में यन्त्र बने हम काम करे। खत्म नहीं होता यह फिर भी नहीं समय…
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काश वो बचपन लौट आए -संजय कुमार
काश,वो बचपन लौट आये, वो बचपन की भोली शरारत। वो बादलों को छूने की चाहत, तितलियों के पीछे भागना सपनों की दुनिया में जागना। वो नन्ही परियों की कहानी। अपनी…
धारा के विपरीत चलना सीखो- संजय कुमार
चलते हैं सब धारा के संग-संग धारा के विपरीत चलना सीखो। दिवा में जब हम सोते हैं , आँख खुले तो नया दिवस है दिवस हर नया कुछ सिखलाता है।…
भाई-बहन -संजय कुमार
प्यारी बहना सदा खुश रहना ये दुआ है मेरी, खुशियाँ हर पल चूमे कदम तेरी ये दुआ है मेरी। बहना तेरे रूप की आभा फीकी कभी न,हो कभी कम, आत्मविश्वास…
मेरी दिवाली – संजय कुमार
दूर खड़ा मुस्कान लिए वह फुलझड़ियों की दुकानों पे छोटी सी अंजुलि में उसको कुछ सिक्के गिनते देखा था गहरी उसकी आँख में मैने खुशियाँ मरते देखा था एक गरीब…
आओ मन का अंधकार मिटाए – संजय कुमार
आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक दीप जलाएं। कद्र करें सबकी भावनाओं का, वैर और आपसी रंजिश मिटाए। आओ मन का अंधकार मिटाए, प्रेम भाव का एक…