लोकतंत्र की यह पहचान है, जनता से चुनी जाती सरकार जनता तब-तब चुनती है, जब जब पड़ती इसकी दरकार पंचवर्ष बाद इस महापर्व में, बहुदलों के नेताओं की प्रकार जिसको…
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राम का अर्थ मानो रामराज्य- सुरेश कुमार गौरव
हिन्दी मास चैत्र नवमी को, प्रभु श्रीराम ने लिया अवतार पूरी अयोध्या नगरी में, तब छाई खुशियां उल्लास अपार। शुभ अवसर है प्रभु श्रीराम का, सब मिलकर नमन करें पूरी…
जरुरी विधान है संविधान- सुरेश कुमार गौरव
लोकतंत्र का आधार है “भारत का संविधान” इससे ही चलता है देश के सभी नियम-कानून। संविधान निर्माता की दूर दृष्टि का है यह नाम, भारतीय लोगों की जरुरतों का है…
उचित व्यवस्था है संविधान- सुरेश कुमार गौरव
देश का संविधान भारत के लोगों का है जरुरी विधान, इससे ही होता है हम भारतीयों के सभी जरुरी निदान। जब अंग्रेजी सत्ता वापस हुई तब देश स्वतंत्र हुआ, फिर…
पुस्तक – सुरेश कुमार गौरव
पुस्तक सच में ज्ञान का भंडार होती है सतत् शिक्षा ज्ञान रुपी बहती गंगा होती है! बचपन में पहली पुस्तक जब हाथ में आया ज्ञान की पहली सीढ़ी वर्णमाला से…
शिक्षा गान – सुरेश कुमार गौरव
आओ सब बच्चों मिल चलें स्कूल, इस बार हम सबसे कोई न हो भूल! पढ़-लिखकर सबको पाना है ज्ञान, दूर करना है सबका मन का अज्ञान! किताब कलम है अपना…
कर्म-पथ – सुरेश कुमार गौरव
जिस पथ में चला सत्य है यह कर्म-पथ उतार तो कहीं चढ़ाव का है यह सु-पथ! जीवन के हर मोड़ पर उनको देखा सदा वो पूरा भी न कर सके…
रंगोली होली – सुरेश कुमार गौरव
आसियाने रंगे जाए तो जगमग मनती दीपावली.. जब सब रंग से हो जाए सराबोर तो खिलती होली, घर में ‘दीपक’ जलाते तो प्रकाश मय दीपावली.. जब चौराहे में अग्नि जलाएं…
बंधन – सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
सात्त्विक मास सावन – सुरेश कुमार गौरव
आया सावन मास तन-मन में, मानो हरियाली सी छाई, जागा उमंग-तरंग,और वर्षा रानी भी, खुशियाली लाई। सावन मास में नर-नारी, हरे रंग में सराबोर हो जाते, ईश भोले ,धतूरा,बेलपत्र, फूल-जल…