आओ सब बच्चों मिल चलें स्कूल, इस बार हम सबसे कोई न हो भूल! पढ़-लिखकर सबको पाना है ज्ञान, दूर करना है सबका मन का अज्ञान! किताब कलम है अपना…
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कर्म-पथ – सुरेश कुमार गौरव
जिस पथ में चला सत्य है यह कर्म-पथ उतार तो कहीं चढ़ाव का है यह सु-पथ! जीवन के हर मोड़ पर उनको देखा सदा वो पूरा भी न कर सके…
रंगोली होली – सुरेश कुमार गौरव
आसियाने रंगे जाए तो जगमग मनती दीपावली.. जब सब रंग से हो जाए सराबोर तो खिलती होली, घर में ‘दीपक’ जलाते तो प्रकाश मय दीपावली.. जब चौराहे में अग्नि जलाएं…
बंधन – सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
सात्त्विक मास सावन – सुरेश कुमार गौरव
आया सावन मास तन-मन में, मानो हरियाली सी छाई, जागा उमंग-तरंग,और वर्षा रानी भी, खुशियाली लाई। सावन मास में नर-नारी, हरे रंग में सराबोर हो जाते, ईश भोले ,धतूरा,बेलपत्र, फूल-जल…
वर्षा रानी के संदेश – सुरेश कुमार गौरव
सबके लिए ऋतुओं की रानी है वर्षा, पानी जब-जब बरसे तब-तब मन हर्षा। आसमान में घटाटोप बादल हैं छाएं, पेड़-पौधे हरीतिमा लिए पंख फैलाए। पक्षियों के सुरीले कलरव मीठे बोल,…
श्रमिक की व्यथा-कथा- सुरेश कुमार गौरव
मैं भी शान से जीना चाहता हूं मेहनत की रोटी कमाता हूं, दृढ़ शौक है मेरे भी कुछ, बच्चों को खूब पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन कभी अप्रवासी बनकर बिलकुल बेगाने…
रंगोत्सव जीवन राग- सुरेश कुमार गौरव
प्रियवर! रंगोत्सव आई है सुख में भी हंसना दुख को भूल जाना जी भरके जीवन तराने गाना रंगोली बन खुद को बहलाना प्रियवर! रंगोत्सव आई है जीवन राग सुनाने आई…
बंधन-.सुरेश कुमार गौरव
जीवन एक विश्वास रुपी है अनोखा बंधन, रक्त के तो कहीं बिना रक्त के कहलाते बंधन, हर्ष-विषाद,खट्टी-मीठी और अनोखी यादों का, भरोसे, धैर्य, विश्वास, प्रेम,आशामय रुप का, पर जीवन एक…
मधुमास चैत्र मास- सुरेश कुमार गौरव
फाल्गुन मास में ही अनुभूति प्रदान कर जाती, फिर चैत्र मास आकर जगाती सुंदर भावों में! 🍂 आनंद बांटती यह मधुमास या चैत्र मास, जैसे वसंत का होता आगमन फाल्गुन…