“मानवी”- सुरेश कुमार गौरव

हुई धरा पर जब से मैं अवतरित,श्रद्धा का पूरा आवरण हूं, नाम धराया “मानवी” व “अंशिका”,इसी का मैं अन्त:करण हूं, सबकी गोद में खेलती-देखती, चहुंओर बांटती खूब ममता सबके मन…

पिता एक संपूर्ण विकास प्रदाता- सुरेश कुमार गौरव

पिता एक अस्तित्व हैं जिसके रहने से स्थायित्व का बोध होता है घने वृक्ष की छाया में शांति का अनुभव होता है यानी दृढ़ स्थित प्रतिज्ञ कर्ता! धीरज ,धैर्य और…

अतुल्य टीका- सुरेश कुमार गौरव

सदियों पूर्व की गई अपने यहां “टीकाओं” की अनूठी शुरुआत एक से बढ़कर एक हुए विद्वजन किए अद्भुत संस्कृति की शुरुआत। अपने देश की कई परंपराएं भी हैं बेहद अर्थपूर्ण…

पक्षियों की भाषा और जीवन गान- सुरेश कुमार गौरव

पक्षियों की भाषा भी बड़ी सुरमयी सी होती हैं! इनके कलरव बोल से मन गीतमयी सी होती हैं!! कभी इस डाल तो कभी उस डाल ये डोलती हैंं! स्वच्छंद विचरण…

पहली बालिका शिक्षा मंदिर दात्री साबित्रीबाई फूले- सुरेश कुमार गौरव

तीन जनवरी अठारह सौ इकतीस को महाराष्ट्र के सतारा में एक विलक्षण गुणी प्रतिभा बालिका का अवतरण हुआ। माता-पिता ने सोच नाम उसका साबित्री भाई फूले रखा जैसे-जैसे बड़ी हुई…

गुरुजी का ज्ञानदान-सुरेश कुमार गौरव

गुरुजी का ज्ञानदान बचपन में गुरुजी ने सिखलाया अनुशासन का खूब पाठ पढ़ाया। कहते बापूजी के तीन थे बंदर सुनो दिनेश, महेश, रमेश व चंदर। पहला कहता बुरा मत बोलो…

मकर संक्रांति का संदेश-सुरेश कुमार गौरव

मकर संक्रांति का संदेश  स्थितिक मकर संक्रांति का दिवस कभी न बदलता ! प्रकृति पर्व के संदेशों में, मानव जीवन सदा है सुधरता !! 🌄 तिल, गुड़, चूड़ा, तिलकुट दूध-दही…

नव वर्ष का सार्थक संदेश-सुरेश कुमार गौरव

नव वर्ष का सार्थक संदेश नव वर्ष का आज शुभ दिन है आया सब लोगों में सार्थक संदेश‌ है लाया। कई खट्टी-मीठी अनोखी यादें छोड़ गया पर नवस्फूर्ति ला यह…