विजयादशमी पर्व का महिमा महान है, नीलकंठ चिड़िया का, शुभ होता है दर्शन। सुबह से शाम तक पक्षी का दीदार करें, सफल उद्योग होते, ये शास्त्रों में है वर्णन। नील…
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साहस के दोहे-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
साहस के दोहे चोट खाकर ही पत्थर मूर्त्ति बन पूजा जाता है। जो संकट से घबराता, वह कभी नहीं बढ़ पाता है।। तपाया जाकर ही सोना सुंदर आभूषण बन पाता…
तिरंगा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
तिरंगा वीरों की है शान तिरंगा, भारत की पहचान तिरंगा। जल में, थल में, नील गगन में, दुनिया कीआबाद चमन में। सदा शान से लहराता है, भारत का अभिमान तिरंगा।…
पानी-जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
पानी पानी की है बात निराली, इससे दुनियाँ में हरियाली। इसके बल पर दुनियाँ में, सजती है लोगों की थाली। पानी से ही आग बुझाते, खेतों में हम फ़सल…
खड़ी है तेरे द्वार बहना-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
खड़ी है तेरे द्वार बहना धागा रक्षा के बांधे तेरे हाथ बहना, राजा भैया तू हर युग में साथ रहना। नित् दिन रहती आश लगाए, सोचती कब शुभ दिन ये…
वर्षा रानी-जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
वर्षा रानी उमड़-घुमड़ कर बादल गरजे बूंदें गिरती आसमानी, पृथ्वी पर अपना प्यार लुटाने आती हैं वर्षा रानी। ग्रीष्म ऋतु से विह्वल होकर पेड़-पौधे मुरझाते, प्रचंड धूप से आहत…
समय-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
समय हवा शुद्ध है फिर भी हम, मास्क आज लगाते हैं। खाली सड़कें रहने पर भी, ड्राइव पर नहीं निकल पाते हैं।। स्वच्छ हाथ रहने पर भी मिलाने पर है…