ताका ५-७-५, ७-७
१.
सौम्य प्रसंग
धरे नव उमंग
रचना संग।
साधना अंग-अंग
शब्द दृष्टि विहंग।।
२.
सपने आते
कुछ कह भी जाते
क्या हम पाते।
जो कदम बढ़ाते
सब-कुछ है पाते ।।
३.
एक सपना
मिलकर रहना
मेरा अपना।
कुछ मत कहना
चुप रह सहना।।
४.
धर्म का मान
सबको हो सम्मान
सुखी जहाँन।
सर्वत्र भगवान
समता का विधान।।
५.
हो अध्यापक
समाज सुधारक
ज्ञान वाहक।
बनकर पाठक
कर्म से कथानक।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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