वल्लभ भाई पटेल-अश्मजा प्रियदर्शिनी

Ashmaja

वल्लभ भाई पटेल

जिनकी प्रतिभा से गौरवान्वित देश हमारा हिन्दुस्तान।
ऐसे प्रखर वो राजनेता, जननायक थे वो महान।
अपने कृतित्व से बने भारत माता की शान।
आजादी के दीवाने स्वतंत्रता सेनानियों में प्रधान।
वल्लभ भाई कहूँ या कहूँ झाबेर भाई पटेल।
बाइस वर्ष में मैट्रिक किया और तीस महिनें में हीं
वकालत कर अपनी प्रतिभा का दिखा दिया खेल।
दर्शाया अपनी प्रवीणता जिसका नहीं किसी से मेल।
वारडोली सत्याग्रह में महिलाओं से पाया सरदार का नाम।
‘ऑपरेशन पोलो’ को अपनाया किया देश हित में काम।
भारतीय राजनीति के प्रकाण्ड विद्वान का उत्तम था स्थान।
भारत का सर्वोच्च पदक ‘भारत रत्न’ का पाया सम्मान।
562 छोटी बड़ी रियासतों का किया उन्होंने एकीकरण।
कहलाए लौह पुरूष अपने शौर्य से किया समाजीकरण।
एकता के मूल्य का किया भारत में कई सूत्रों का निर्धारण।
जण जागरूकता के नारों का करते हम सदा स्मरण।
पत्नी झाबेरबा का कैंसर से हो गया था निधन।
पर वकालत का संवाद करते रहे नहीं लड़खड़ाए उनके कथन।
15 दिसम्बर 1950 को वल्लभ भाई पटेल का हो गया निधन।
भारत में ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ को करते सभी आदर से नमन।

अश्मजा प्रियदर्शिनी
पटना, बिहार

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