विद्यालय में प्रवेशोत्सव-अशोक प्रियदर्शी

विद्यालय में प्रवेशोत्सव

विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है
हर बच्चे के मन को खूब भाया है। 

नये साल का नया महीना 
नहीं चलेगा अब कोई बहाना। 
चलो ! बच्चे जल्दी से चलो
घर का काम झटपट करो। 
विद्यालय का माहौल कैसा है 
बिल्कुल नया घर जैसा है। 

विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है 
हर बच्चे के मन को खूब भाया है। 

विद्यालय में प्रवेश के लिए 
तुम्हें जल्दी से फॉर्म भरना है
गाय, बकरी अब नहीं चराना है। 
विद्यालय में पढ़-लिखकर 
समाज का नाम रोशन करना है 
भारत का परचम लहराना है। 

विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है 
हर बच्चे के मन को खूब भाया है। 

आधार, जन्म पत्र साथ लेकर आए 
मन ही मन बच्चे खूब गुनगुनाए। 
पूर्व के बच्चे विद्यालय में घंटी बजाए 
जैसे बागों में हर फूल सजाए। 
आखिर किस बात से डरना है 
चलो ! विद्यालय में पढ़ना है। 

विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है 
हर बच्चे के मन को खूब भाया है। 

एक भी बच्चा छूट न पाए 
विद्यालय छोड़ कहीं न जाए। 
सशक्त शिक्षकों की मेहनत से 
बच्चे विद्यालय में अलख जगाए। 
समाज में शिक्षा की क्रांति फैलाकर 
पूरे ब्रह्मांड में खूब नाम कमाए। 

विद्यालय में प्रवेश उत्सव आया है 
हर बच्चे के मन को खूब भाया है। 

✍🏻✍🏻अशोक प्रियदर्शी
प्रा० वि० परतिया टोला मोबैया 
बायसी पूर्णिया बिहार

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