सवेरे उठकर जल्दी जाओ,
लोकतंत्र का पर्व मनाओ।
भैया भौजी, चाचा आओ,
दादा दादी को भी लाओ।
मतदाता पर्ची को लेकर,
कतार में सभी खड़े हो जाओ।
वोट प्रतिशत को तो बढ़ाओ,
संशय के बादल को मिटाओ।
चुनकर के अपनी सरकार,
लोकतंत्र करना है साकार।
लोकतंत्र से न हो इनकार,
संविधान से हमें है प्यार।
विजय शंकर ठाकुर
विशिष्ट शिक्षक
म वि गोगलकटोल
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