अहमदाबाद हवाई हादसा – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

अहमदाबाद हवाई हादसा

बारह जून  दो हजार पच्चीस  को ,
फिर कलंकित हुआ जहाँन ।
ड्रीमलाइनर विमान  की ,
बची   न   अपनी   शान ।

अहमदाबाद से उड़ान भरते ही ,
गिरा तुरंत   विमान ।
धूँ-धूँ कर यह  जल उठा ,
न बची हॉस्टल की पहचान ।

देश विदेश के  यात्री सभी ,
थे खुश कितने उस दिन !
पर  एक   ही  झटके   में ,
सबके कुटुंब   हुए गमगीन ।

जीवित बचे यात्री एक ही ,
सौभाग्य था उसके  साथ ।
दो सौ पचहत्तर जन  मारे गए ,
उन्हें लगा दुर्भाग्य  ही  हाथ ।

हॉस्टल में डॉक्टर छात्र को,
तनिक भी न था ध्यान ।
इस तरह उनकी जान को ,
लील जाएगा विमान ।

क्या खुशी ; कितनी हँसी ,
थे सब यात्री के साथ ।
कुछ पलों में ऐसी दुर्घटना घटी ,
हो गए राख सब    हाथ ।

लंदन की उस उड़ान में ,
सबके  जाग रहे थे आस ।
सबके चेहरे पर मुस्कान थी ,
सबके सपने थे भी खास ।

सुखद सपने जो अँगारे बने ,
यह कैसा विधि विधान ?
एक एक जन जल मरे ,
यह कैसा   हुआ निधान ?

कैसे खींच गई रेखा दुर्भाग्य की ,
इंजन दोनों   हुए फेल ।
लगा दाँव तब जन पर ,
तब   बचा न कोई खेल ।

सबके दुर्भाग्य साथ कैसे जुड़े ,
हुई यह  अचरज की बात ।
जो  चढ़े उस  विमान में ,
सब पर लग गई एक ही घात ।

ब्लैक बॉक्स से पता चले ,
अंतिम पल क्या क्या हुआ था खास ।
पायलट को क्या पता चला ,
न  जब बचने की थी कोई आस ।

हो न कोई ऐसी दुर्घटना  कभी ,
न जान किसी की   जाए ।
सुरक्षित  सब सफर करें ,
न कोई कभी   दुःख  पाए ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा ,  जिला मुजफ्फरपुर

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