आओ अभिनंदन करें हम ,
देश के वीर जवानों का।
जिसने हमेशा ध्वस्त किया है,
दुश्मन के अरमानों का।।
गूंज उठी है रणभेरी अब,
तिरंगा भी है लहर रहा।
मातृभूमि की रक्षा में ,
सीमाओं पर है सैन्य खड़ा।।
जिनकी सुरक्षा में हैं सोते ,
हम सब चादर तान के।
कोई नहीं बस सैन्य वीर हैं ,
प्यारे हिन्दुस्तान के।।
अस्त्र- शस्त्र से थाल सजाकर,
देश- प्रेम का दीप जलाएँ हम।
उज्जवल भाल पर रक्त लगाकर ,
आओ तिलक लगाएँ हम।।
कसम तुम्हें है माँ बहनों की ,
सिंदूर के सम्मान की।
दुश्मन का सिर काट गिराना,
यह बात है देश के आन की।।
तुम हीं कर्म हो, तुम्हीं धर्म हो,
भारत के अभिमान हो।
राष्ट्रभक्ति की राह में हे वीरों,
तुम करते नित महाप्रयाण हो।
तेरे साहस शौर्य का हम सब,
करते नित जयगान हैं।
गर्व से कहते सबके सम्मुख,
ये सब सैनिक हिंदुस्तान हैं।
मनु कुमारी, विशिष्ट शिक्षिका, मध्य विद्यालय सुरीगाँव, बायसी पूर्णियाँ
