– आओ हम सब खेलें भाई –
आओ, हम सब खेलें भाई,
अब तो खेल की घंटी आई।
भाई आओ, बहाना आओ,
खेल सामग्रियों को भी लाओ,
उछल कूद है, कहीं कबड्डी,
जलेबी दौड़ की बारी आई।
आओ, हम सब खेलें भाई,
अब तो खेल की घंटी आई।
सर जी आए, मैडम जी आई,
हम सब की टोली है बनाई,
खेल शुरू होने से पहले,
खेल के नियम भी बतलाये,
हम सब खेलें, और मज़े लें,
चहुं दिसी मस्ती है छाई।
आओ, हम सब खेलें भाई,
अब तो खेल की घंटी आई।
विजय शंकर ठाकुर
विशिष्ट शिक्षक
म वि गोगलक टोल
प्रखंड बोखडा, सीतामढ़ी
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