आजादी के दीवाने – रत्ना प्रिया

Ratna Priya

आजादी के दीवाने वे, गोली खाई, जेल गए,
फाँसी के फंदे को चूमा, हर संकट को झेल गए।

भारती के लाल जिन्होंने, अपना जीवनदान दिया,
जीवन की स्वर्णिम आयु को,भारत-भू के नाम किया,
वीरों की ये अमर कथाएँ, आजादी की थाती हैं,
रामायण व गीता की भाँति, कर्तव्य-पथ दिखलाती है।
स्वतंत्रता के सैनिक थे वे, हर खतरों से खेल गए।
फाँसी के फंदे को चूमा, हर संकट को झेल गए।

जन्म लिया है पावन भू-पर, खेल-कूद कर बड़े हुए,
ममता की आँचल में पलकर, घुटनों चलकर खड़े हुए,
इस मिट्टी से बनी जो काया, भू-तल में मिल जाएगी,
मातृभूमि की लाज बचाने, कैसे काम न आएगी।
सुगंधित मलय समीर बनकर, पंच-तत्व से मेल गए।
फाँसी के फंदे को चूमा, हर संकट को झेल गए।

रत्ना प्रिया
उच्च माध्यमिक विद्यालय माधोपुर
चंडी, नालंदा

2 Likes
Spread the love

Leave a Reply