जननी जगदम्बा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

Jainendra

मनहरण घनाक्षरी छंद


कहते हैं साधु संत
जिनका न आदि अंत,
असीम आनंद पाते, करते जो ध्यान हैं।

श्रद्धा भक्ति भाव रख
भजन पूजन करें,
हमारी समस्याओं का मिलता निदान है।

ममता की छांव देती
सभी पीड़ा हर लेती,
जननी जगदंबा को मनाना आसान है।

जीवन की बागडोर
सौंप उनके हाथ में,
आखिर में हम सब माता की संतान हैं।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि

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