।।जीवन की बगिया।।
जीवन की बगिया में देखो
फूल भी है और कांटे भी
खड़ी धूप और अंगारे भी
चलते जीवन की राहों में
जीवन के रंग निराले भी
फूलों को,जीवन में है
कांटो सा उपहार सही
साथ फूल कांटो का जीवन
सुख दुःख जैसे साथ सही
पतझड़ हो या हो वसंत
सूखे पेड़ या हो सुगंध
सावन का जब साथ हो
पतझड़ की क्या बात हो
चढ़े धूप या हो घोर अंधेरा
जीवन तो एक रैन बसेरा
तानकर तपते इस जीवन में
सदा कौन है रहने वाला
चिड़िया,तितली,पेड़ घरौंदे
सब जीवों के जीवन अपने
उस जीवन को रखने वाला
हम में तुममें सबमें रहते
नील गगन है सब पर छाया
हवा को कोई रोक न पाया
नीर नदी का बहता जाता
खुद को खोकर मंजिल पाया
आशा उम्मीदों के सपने भी है
साथ मुसीबत पलते भी है
लड़कर डटकर साथ उसी के
जीवन में जीवन पलते भी है….
रवींद्र कुमार

