तिरंगा शान हमारी – मनहरण घनाक्षरी
नर नारी खुश भारी,
बात करें प्यारी-प्यारी,
तिरंगा शान हमारी, गाते राष्ट्र गान है।
जय हिन्द बोल रहे,
मधुरस घोल रहे,
पौरुष को टोह कहे, भारती की शान है।
कल्पना साकार करें,
सुगम व्यापार करें,
सीमा का विचार करें, यह अभिमान है।
देशभक्ति मानते हैं,
नहीं कुछ जानते हैं,
भारत बखानते है, प्रतिभा का ज्ञान है।
कवियत्री – प्रतिभा मिश्रा
प्रधान शिक्षक
प्रा. वि. त. आरा
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