देश है एक,
भाषाएँ अनेक।
जिसमें हिंदी है एक,
मातृ भाषा कहलाती है।
देश प्रेम दर्शाती है,
अभिव्यक्ति का मुख्य साधन है,
भाषाओं की जननी है।
मन की बात तुरंत पहुंचाती है,
आसानी से बोली जाती है।
ढेरों भाषाओं का ताज है हिंदी,
हिंदुत्व का साज है हिंदी।
हम हिंदी दिवस मनाते हैं,
हिंदी का गुण गाते हैं।
अनेकों रचनाएं रची गई हिंदी में,
साहित्य का आधार बनी।
पर आज हिंदी है मौन पड़ी,
अंग्रेजी की शान बढ़ी।
अपनी भाषा को बचाना है,
हिंदी दिवस हर साल मनाना है।
दीपा वर्मा
रा.उ.मा.वि
मुजफ्फरपुर।
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