बैगलेस हुआ शनिवार -नवाब मंजूर

Nawab

प्रत्येक शनिवार को अब से हम
बिन बस्ते के स्कूल आएंगे
फिर भी ज्ञान भरपूर पाएंगे
मस्ती मस्ती में ही
बहुत कुछ सीख जाएंगे!

गिनती पहाड़ा एबीसीडी
नई नई गतिविधि बहुत सी!

चरखा कभी चलाएंगे
तो कभी
पवन चक्की से उत्पन्न बिजली का
राज जान पाएंगे!

खेल खेल में ही सौरमंडल, ग्रह और
ग्रहणों के राज फाश करेंगे!

कभी बनकर व्यापारी
रखेंगे आय व्यय पर नज़र!
तो कभी
तराजू की डंडी मार हेरा-फेरी
भी जानेंगे
कम तौलने वालों बचके जाओगे अब किधर?

कभी
अपने मन की गीत सुनाएंगे
कहेंगे कहानियां
सुनेंगे बापू के संदेश !
महसूस करेंगे हल्का फुल्का
धमा-चौकड़ी खूब मचाएंगे।

उछल उछल कर
फिसल फिसलकर
कभी प्राणायाम , योगासन कर
तन मन स्वस्थ बनाएंगे!

सोमवार को तरोताजा हो
बस्ते संग स्कूल आएंगे ‌
समझ समझकर पढ़ेंगे जब
कामयाब हम भी हो जाएंगे!

देश दुनिया में अपना भी नाम होगा
तो सोचो, अपने माता-पिता को
कितना अच्छा लगेगा?
© नवाब मंजूर
प्रधानाध्यापक
उमवि भलुआ शंकरडीह तरैया (सारण)

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