मनहरण घनाक्षरी विधान – राम किशोर पाठक

मनहरण घनाक्षरी विधान

 

घोटक की चले टाप,

आठ-आठ पग नाप,

पद को बनाए आप, तुकांत बखानिए।

आठ पग चले तीन,

चौथी चलें सात गिन,

चार पद रचें लीन, चरण है जानिए।

इक्कतीस रहे वर्ण,

चरण सदृश पर्ण,

चार हीं चरण पूर्ण, घनाक्षरी मानिए।

गुर-लघु-गुरु अंत,

अनिवार्य चरणान्त,

मनहरण नितांत, लय पहचानिए।

 

 

रचयिता – राम किशोर पाठक

प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।

संपर्क – 9835232978

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