माँ तुम कितनी अच्छी हो।
माँ
माँ तुम कितनी अच्छी हो
सब कुछ मेरा करती हो,
जब मैं गंदा होता हूँ
मुझे रोज स्नान कराती हो।
माँ तुम कितनी ——–२।
जब मैं रोने लगता हूँ
तुम गोद में मुझे उठाती हो,
और तुम लोरी गा -गा कर
पीठ थपथपा कर मुझे सुलाती हो।
माँ तुम कितनी ——२।
सबसे पहले तुम उठती हो
फिर बाद में मुझे उठाती हो,
नित्य क्रिया कराकर मुझको
अच्छे संस्कार सिखाती हो।
माँ तुम कितनी ——-२।
जब तुम बाजार जाती हो
मेरे लिए कुछ न कुछ लाती हो,
अपना भूखे रहकर तुम
भरपेट मुझे खिलाती हो।
माँ तुम कितनी ———२।
जब भी आता है कोई पर्व
मेरे लिए नये कपड़े लाती हो,
और तुम फटा पुराना कपड़ा पहनकर
घर में खुशियों की चिराग जलाती हो।
माँ तुम कितनी अच्छी हो।
नीतू रानी (वि०शि०)
स्कूल -उ०म०विद्यालय रहमत नगर,सदर मुख्यालय पूर्णियाँ बिहार।
