मेरा गाँव मेरा गौरव है,
ये शहरों से भी बढ़कर है।
यहाँ है शांति सुख और चैन,
यहाँ करुणा से भरी रहती नैन।
यहाँ घनी -घनी बस्तियाँ,
यहाँ पर बहती सुंदर नदियाँ।
यहाँ पर हरे खेत -खलिहान,
बच्चों को खेलने के लिए मैदान।
मेरा गाँव मेरा गौरव है,
इन्हीं गाँव का मेरा सौहर है।
यहाँ पर बहती है हवा सुहानी ,
नानी -दादी की नई कहानी।
यहाँ के बाग और बगीचे,
बैठकर टिकोले खाते नीचे।
यहाँ के सावन के भाई झूले ,
लगते हैं बागों में लगे हैं मेले।
मेरा गाँव मेरा गौरव है,
ये शहरों से भी बढ़कर है।
यहाँ के ठंड और बरसात,
सभी बैठकर तापते आग।
यहाँ के पर्व और त्योहार,
करते रहते सभी इंतजार।
गांँव में रहते आपस में मेल,
न कभी किसी को होती जेल।
मेरा गाँव मेरा गौरव है,
ये शहरों से भी बढ़कर है।
नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।