योग भगाए रोग ।
नित्य जो करता मानव योग।
रहे जीवन में सदा नीरोग ।।
ऋषि – मुनियों ने किया प्रतिपादित।
करे जो योग, सदा रहे आह्लादित ।।
चुस्ती – फुर्ती वह दिखलाए।
आलस उसके पास न आए।।
जिसने भी अपनाया योग।
केवल यह नही है संयोग ।।
मन शांति का मार्गदर्शक योग।
बीमारियों का विनाशक योग ।।
सुखी जीवन का है आधार।
इसकी महिमा है अपरम्पार ।।
संसार ने भी इसकी महिमा जाना।
इसके गुणों को उन्होंने पहचाना ।।
भारत वर्ष ने यह संदेशा लाया।
योग के गुणों को चहुंँओर बखाया ।।
आशीष अम्बर
विशिष्ट शिक्षक
उक्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड – केवटी
जिला – दरभंगा
बिहार
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