संघर्षों का आगाज करो – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

Kumkum

व्यर्थ की बातों में उलझकर,
मत वक्त अपना बर्बाद करो।
इक-इक पल है कीमती जानो,
स्वयं से तुम संवाद करो।।

करना है जो लक्ष्य सिद्धि तो,
हाथ पर हाथ धरे नहीं रहो।
करो चिंतन अपने कर्मों का,
संघर्षों का आगाज करो।।

विलक्षण प्रतिभा के धनी तुम,
इस बात का जरा ध्यान धरो।
करनी है जो तारों से यारी,
ज्ञान का तुम विस्तार करो।।

करना है अगर खास कुछ तो,
समय का तुम सदुपयोग करो।
ध्यान लगाकर सुन लो बबुआ,
बस बातें बड़ी-बड़ी मत करो।।

देना है अगर सीख समाज को,
तो असाधारण काम करो।
रुको नहीं सदा बढ़ते जाओ,
खुद को तुम दीप्तिमान करो।।

कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
शिक्षिका
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर

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