सारे जग में नाम होगा उसी का
सारे जग में नाम होगा उसी का ,
जिसके कर्मों से भाग्य जुड़ेगा सभी का ।
जो हर कदम पर अपना और पराया न बोए ,
जिससे मिलकर कभी जमाना न रोए ।
उदासी की महफिल न उसके चमन में ,
नाम लेता हर शख्स अपने ही अमन में ।
जो मन से अधिक दिलों से काम लेता ,
वही अपने वतन को अधिक कुछ देता ।
जिसकी चाहत अपनी कुछ भी नहीं है ,
दूसरों के खातिर यह बहुत कुछ सही है ।
जिसे पराई कमजोरी कभी दिखाई न देता ,
पर अपने कर्मों का कभी कोई लेखा न लेता ।
वह सब जानता , समझता पर चिल्लाता नहीं है ,
उसकी सफलता की सूरत किसी को लखाता नहीं है।
जमाने की खुदगर्जी न उसे पहचान पाती ,
उसके दिल के दर्दों को न कोई मान पाती ।
दिल से जो बड़ा है दरअसल वही बड़ा हुआ है ,
उसके हर एक शब्द में दुआ ही दुआ है ।
जो सोचता , समझता है वही वह करता ,
पर अपने लिए कभी न कोई फिक्र करता ।
उसे दिखावे की कभी कोई चाहत न होती ,
उसे जमाने की दगा से कोई राहत न होती ।
फिर भी वह मुस्काता दर्द जताता नहीं है ,
जमाने की फितरत को कभी बताता नहीं है ।
ऐसे इंसा ही भगवान के प्रतिरूप होते ,
जो दूसरों के दर्द में अपना दर्द खोते ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
