सिंदूर की चिंगारी- अर्जुन केशरी

धधक उठा है आज हिमालय, वीरों का है गर्जन।
सिंदूर की ललकार बनी, आतंकी का अब तर्जन।

पहलगाम के अश्रु नहीं, अब खामोश सहेंगे।
शौर्य की इस गाथा से, दुश्मन भी अब सहमेंगे।

नव मिसाइलों की वर्षा से, काँपा दुश्मन का अंबर।
न्याय की इस ज्वाला में, जले आतंक का खंजर।।

राफेल की उड़ान बनी, वीरता की पहचान।
भारत की इस हुँकार से, थर्राया पाकिस्तान।।

अर्जुन केशरी
विद्यालय अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय लोदीपुर
प्रखंड – खरीक
जिला – भागलपुर

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