राष्ट्र के लिए हमसब भी
लें आज यह प्रण,
माँ भारती की आवाज़ पर
कर देंगे सर्वस्व समर्पण।
उन वीरों की शहादत को
सदैव करते हैं हम नमन,
जिनकी बदौलत आज है
मुल्क में चहुँओर अमन।
हर ऋतु में वो सीमा पर
डटे रहते बन प्रहरी,
पूस की सर्द रात हो
या हो जेठ की तपती दोपहरी।
हम चैन से अपने घरों में
इसलिए सो पाते हैं,
हम जानते हैं भारतीय सेना
काल से भी टकरा जाते हैं।
हम मनाते अपनों के संग
होली और दीवाली,
वो सरहद पर अटल रह
करते हमारी रखवाली।
देश की रक्षा करने को
वीर हो जाते हैं कुर्बान,
नमन भारत के वीर सपूतों
आप हैं देश की आन और शान।
आओ हम मिलकर
लोकतंत्र का महापर्व मनाएं,
राष्ट्र के लिए समर्पित रहें हम
मिलकर स्वतंत्रता दिवस मनाएं।
स्वरचित मौलिक रचना
संजय कुमार (अध्यापक )
इंटरस्तरीय गणपत सिंह उच्च विद्यालय,कहलगाँव
भागलपुर (बिहार)