भाई-बहन -संजय कुमार

Sanjay Kumar

प्यारी बहना सदा खुश रहना
ये दुआ है मेरी,
खुशियाँ हर पल चूमे कदम तेरी
ये दुआ है मेरी।
बहना तेरे रूप की आभा
फीकी कभी न,हो कभी कम,
आत्मविश्वास से भरी रहे तू
मुस्कराए तेरा मुखड़ा हरदम।
भाई-बहन का प्रेम एक धागा
धागा है एक डोर,
टूटे कभी न ये आत्मीय बंधन
चाहे लगाए कोई कितना भी जोर।
इस जहाँ के प्यारे मेरे भैया
सुनो मेरी भी एक बात,
साथ न छोडूंगी तेरा कभी
चाहे कैसी भी हो हालात।
तुमसे भी एक विनती है
मुझको कभी भुलाना नही,
मिलते आते रहना भैया
करना कोई बहाना नही।
भाई-बहन के रिश्ते की
यह परम्परा पुरानी है,
जन्म-जन्म का बंधन है
आजन्म चलने वाली ये कहानी है।

स्वरचित मौलिक रचना

संजय कुमार (अध्यापक )
इंटरस्तरीय गणपत सिंह उच्च विद्यालय, कहलगाँव
भागलपुर ( बिहार )

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