माता की महिमा – संजय कुमार

Sanjay Kumar

माता की महिमा

माता की महिमा अपरंपार
करती हैं अपनी भक्तों का उद्धार।
जो भी इनकी शरण मे आया
दुःख दूर हुआ,हर सुख पाया।।
माता दूर करती है शरणागत की,
मोह, माया,लोभ और अहंकार।
माता की महिमा अपरंपार
करती हैं अपनी भक्तों का उद्धार।।

माता की शक्ति के नौ रूप
शीश झुकाते रंक और भूप।
सुख,समृद्धि,शांति प्रदान करती
माता महागौरी है आठवां रूप।।
तीनों लोक में होती है माँ
आपकी हर पल जय जयकार।
माता की महिमा अपरंपार
करती हैं अपनी भक्तों का उद्धार।।

माँ आपके चरणों में
भार जीवन का सौंप दिया हूँ।
आप ही रक्षा करना मैया
जग में आपका ही नाम लिया हूँ।।
पार लगा दो नैया मेरी
करा दो मुझे भवसागर पार।
माता की महिमा अपरंपार
करती हैं अपनी भक्तों का उद्धार।

स्वरचित मौलिक रचना

संजय कुमार (अध्यापक )
इंटरस्तरीय गणपत सिंह उच्च विद्यालय,कहलगाँव
भागलपुर,बिहार

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