Those years were rather peaceful years a lot happened in those years Dams were built Year plans were made Cities were planned Institutions built in front of common eyes People…
दीवाली आयी है – रत्ना प्रिया
जगमग ज्योति जली दीपों की, यह धरती मुसकायी है, कण-कण आलोकित करने को, यह दीवाली आयी है | नवयुग के नवसृजन हेतु जब भाव सँजोया जाता है, अंधकार को मार…
विकास की मार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
चहुओर चकाचौंध दिवाली की रात है। सफाई के साथ लाई खुशी की सौगात है।। बल्बों की लड़ियों से घरों को सजाते हैं। दरवाजे और दीवारों पर रंगोली बनाते हैं।। रोशनी…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
दीप जलें जब द्वार पर, मिलता नवल प्रकाश। खुशियाँ अंतस् तब मिलीं, हुआ तिमिर का नाश।। दीप अवलि में सज उठे, करते तम को नष्ट। दीन-हीन को देखकर, हरिए उनके…
बाल दिवस – नीतू रानी “निवेदिता”
नेहरु जी आज है 14 नवंबर का दिन आज के दिन हैं बड़े महान, आज हीं जन्म लिए नेहरू जी आपके लिए गाते जय गान। जब आप थे माता के…
केवल प्रकाश है – एस.के.पूनम
प्रिय दीप बनकर, हिया करे जगमग, शेष नहीं अब दंभ,केवल प्रकाश है। नित्य दीया जल कर, बिखरने लगी आभा, उज्जवल धरा नीचे,ऊपर आकाश है। परछाईं बन कर, साथ देना उम्रभर,…
मानवता हीं धर्म है – नीतू रानी
मेरा मानवता हीं धर्म है यदि मानव ,मानव न बन सका तो मानव के लिए तब शर्म है मेरा मानवता हीं धर्म है। मानव रहकर शुभ कर्म करो दुःख न…
नाम की महिमा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
सूर – रसखान करें महिमा की गुण गान, छोड़ जग दिन रात, मीरा जपी राधे श्याम। नाम का सहारा ले के जायसी कबीर तरे, संतो को प्राणों से प्यारे, तुलसी…
दीपावली – एस.के.पूनम
शीतल कार्तिक मास, आशाओं के फूल खिले, करें अब खरीदारी,कई मिले हैं संदेश। बाजारों में भीडभाड़, खरीदारों की कतारें, चकाचौंध होती आँखें,करें पालन निर्देश। सात समंदर पार, रहता है परिवार,…
प्रेम-दीप – रंजीत कुशवाहा
चलो प्रेम के दीप जलाएं। भेदभाव को दूर भगाएं। ****** मानव में क्यों द्वेष आज है। खंडित होता क्यों समाज है। आओ गीत मिलन के गाएं। चलो प्रेम के दीप…