युवाशक्ति के प्रतीक स्वामी विवेकानंद- सुरेश कुमार गौरव

  हे स्वामी! जग में ज्ञानदीप आपने जलाया, हर हृदय में नवचेतना को खूब सजाया। कर्म का संदेश देकर विश्व को समझाया, योग का मर्म आपने जग में पहुँचाया।। शिकागो…

हम हिन्दी के दिवाने हैं – रामकिशोर पाठक

  यह अंग्रेजी का जमाना है, हम हिन्दी के दिवाने हैं। होता समाज का नवीनीकरण, और हमारे ख्याल पुराने हैं।। हिन्दी की व्यथा से आज, हर कोई बनें अनजाने हैं।…

राष्ट्रधर्म निभाती हिन्दी – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या”

हिंदी! संस्कृत की जाई, देवनागरी लिखाई, स्वर व्यंजन वर्ण, सब से बन है पाई। हिंदी ! सुपाठ्य और सुलेख्य, कुछ भी नहीं अतिरेक। जैसी दिखती, वैसी होती, बोलना लिखना सब…

हिन्दी हमारी शान है- सुरेश कुमार गौरव

  हिन्दी  हमारी शान है, हिन्दी है पहचान, संस्कृति का अभिमान, हिन्दी का गान। मिट्टी की खुशबू में रचती यह दमक, हिन्दी है भारत की अद्भुत चमक। शब्दों का यह…

दुश्मनी कभी न पालिए- अमरनाथ त्रिवेदी

  अगर दोस्त  किसी  के बन न सके, तो दुश्मनी भी किसी  से न पालिए। ईर्ष्या, द्वेष, घृणा   की आग   में, कभी  जीवन  को  न गुजारिए। जलाती पहले  ईर्ष्या खुद…

वीरता की गाथा व संदेश – सुरेश कुमार गौरव

  शस्त्रों की शान, देश धर्म की पहचान, हर युग में जिनसे गौरव पाता इंसान। वीर सपूत गुरु गोविंद, महान अधिनायक, सच्चाई का दीप जलाने वाले गुरुनायक। पिता ने शीश…

बहती शीतल मंद बयार- अमरनाथ त्रिवेदी

  देखो  मौसम  यह कैसा  आया  है, सर्द   हवा     संग     लाया    है। प्रकृति  के अनमोल  पलों  में, जीवन  का  राग सुनाया   है। बहती   शीतल   मंद   बयार, होते  सभी को धूप …